कितनी तस्वीरों को जोड़कर मैंने तुम्हे बनाया था
कितनी नदियों का पानी भी उसमे मिला था
कितने फूलों की खुशबू थी उसके भीतर
कितने तारों की रौशनी
तुम एक तो नहीं थी
कितनी नदियों का पानी भी उसमे मिला था
कितने फूलों की खुशबू थी उसके भीतर
कितने तारों की रौशनी
तुम एक तो नहीं थी
कि किसी में खोज लेता तुम्हे
बहुत सारी आवाजों में
बहुत सारी रेखाओं में
बहुत सारी रेखाओं में
कई टुकड़ों में मिलती रही मुझ से
बहुत से वाक्यों
बहुत से शब्दों में
तुम थी मेरे न जाने कितने सपनो में
कितने रंगों में
तुम्हे ढूंढना और
पाना भी मुश्किल था
मुझे मालूम था
तुम कई शक्लों में आती रहोगी
कई किताबों में तुम रहोगी मौजूद
तुम एक नहीं थी
इसलिए किसी एक में नहीं मिल सकी तुम
मुझे जीवन में
.
कई जन्मों
और कई युगों में ही
पाया जा सकता था तुम्हे
बहुत से वाक्यों
बहुत से शब्दों में
तुम थी मेरे न जाने कितने सपनो में
कितने रंगों में
तुम्हे ढूंढना और
पाना भी मुश्किल था
मुझे मालूम था
तुम कई शक्लों में आती रहोगी
कई किताबों में तुम रहोगी मौजूद
तुम एक नहीं थी
इसलिए किसी एक में नहीं मिल सकी तुम
मुझे जीवन में
.
कई जन्मों
और कई युगों में ही
पाया जा सकता था तुम्हे
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