रविवार, 17 अगस्त 2014

उधार

  1. अगर नहीं है तुम्हारे पास कोई शब्द
    तो तुम ले सकती हो मुझ से उधार

    यहाँ तक कि उसके अर्थ भी ले सकती हो
    जब तुम्हे जीवन का नहीं मिल रहा कोई अर्थ

    और बहुत कुछ उधार ले सकती हो
    मसलन मेरी सांस
    जब तुम्हे साँस लेने में हो रही हो तकलीफ
    मुझ से मेरी शाम भी ले सकती हो उधार 
    जब तुम्हारी शाम हो गयी हो इन दिनों बहुत उदास

    मुझसे मेरा आसमान भी ले सकती हो
    तुम्हारे आसमान में हो गया हो जब कोई सूराख

    तुम चाहो तो मेरा चाँद भी ले सकती हो उधार
    जब तुम्हारा चाँद
    पडी गया हो बीमार
    मेरे स्वप्न भी ले सकती हो जब वे टूट गए हों
    अगर तुम पहुँच गयी हो मृत्युके निकट
    तो मेरा शेष जीवन भी ले सकती हो

    तुम बहुत कुछ ले सकती हो उधार मुझसे
    बिना लौटाऐ
    भले ही तुम
    मुझसे करो
    या न करो प्यार

    मुझे बस इस बात की खुशी है
    मैं तुम्हारे बुरे दिनी में
    कोई काम तो आ सका
    मेरे लिए तो
    बस यही है मेरा प्यार .

    विमल कुमार
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  2. मेरी शाम वो नहीं थी
    जो तुम्हारी शाम है

    मेरा चाँद भी वह नहीं
    जो तुम्हारा चाँद है

    बहुत फर्क है
    तुम्हारे आसमान
    और मेरे आसमान में
    ...
     S

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