अगर मेरे पास होता एक खुला आसमान
तो मैं तुम्हे जरूर दे देता
उडती तुम उस पर एक चिड़िया तरह अनंत
अगर मेरे पास होता एक चाँद
तो मैं तुम्हे दे देता
जन्मदिन पर एक उपहार की तरह
जिसकी रौशनी में तुम नहां लेती एक बार
मेरे पास एक नदी भी नहीं है
जो मैं तुम्हे दे सकूं
कि उसकी मछलियों से तुम बात कर सको
सुना सको अपना दर्द
न ही मेरे पास कोई बादल
कि तुम्हे भिगो सके बरसात में
अगर कुछ होते पत्ते मेरे पास
तो उसकी छाव में तुम गुजार लेती ये ज़िन्दगी
लेकिन मेरे पास
न तो कोई खिड़की है
न ही दरवाजा
कि तुम उसके खोल कर देख सको बाहर का दृश्य
कि कोई ताज़ी हवा तुम्हारे पास आये थोड़ी देर के लिए
मेरे पास सिर्फ एक ख्वाब है
जो इन दिनों टूटता ही जा रहा है
इन टूटते हुए खाबों के साथ
नहीं जिया जा सकता है
कुछ और दिन
अगर वो ख्वाब सच होता
तो मैं तुम्हे उसे जरूर दे देता
एक यकीन की तरह
मेरे पास थी अगर कोई चीज़
तो सिर्फ कुछ बेचैनिया थीं
एक आग थी
एक भाषा
एक पंख था
बोलो तुम इसमें से क्या लेना चाहोगी
जिस के सहारे तुम जी सको ये ज़िन्दगी
और तुम्हारे पास क्या है
जो तुम मुझे देना चाहोगी
कि मैं कुछ देर के लिए सांस ले सकूं
और मेरा दम घुटने से बच सके किसी तरह
किसी तरह जी सकूं मैं भी
अपनी मृत्यु के आने से पहले .
विमल कुमार .
तो मैं तुम्हे जरूर दे देता
उडती तुम उस पर एक चिड़िया तरह अनंत
अगर मेरे पास होता एक चाँद
तो मैं तुम्हे दे देता
जन्मदिन पर एक उपहार की तरह
जिसकी रौशनी में तुम नहां लेती एक बार
मेरे पास एक नदी भी नहीं है
जो मैं तुम्हे दे सकूं
कि उसकी मछलियों से तुम बात कर सको
सुना सको अपना दर्द
न ही मेरे पास कोई बादल
कि तुम्हे भिगो सके बरसात में
अगर कुछ होते पत्ते मेरे पास
तो उसकी छाव में तुम गुजार लेती ये ज़िन्दगी
लेकिन मेरे पास
न तो कोई खिड़की है
न ही दरवाजा
कि तुम उसके खोल कर देख सको बाहर का दृश्य
कि कोई ताज़ी हवा तुम्हारे पास आये थोड़ी देर के लिए
मेरे पास सिर्फ एक ख्वाब है
जो इन दिनों टूटता ही जा रहा है
इन टूटते हुए खाबों के साथ
नहीं जिया जा सकता है
कुछ और दिन
अगर वो ख्वाब सच होता
तो मैं तुम्हे उसे जरूर दे देता
एक यकीन की तरह
मेरे पास थी अगर कोई चीज़
तो सिर्फ कुछ बेचैनिया थीं
एक आग थी
एक भाषा
एक पंख था
बोलो तुम इसमें से क्या लेना चाहोगी
जिस के सहारे तुम जी सको ये ज़िन्दगी
और तुम्हारे पास क्या है
जो तुम मुझे देना चाहोगी
कि मैं कुछ देर के लिए सांस ले सकूं
और मेरा दम घुटने से बच सके किसी तरह
किसी तरह जी सकूं मैं भी
अपनी मृत्यु के आने से पहले .
विमल कुमार .
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