बुधवार, 13 अगस्त 2014

यही है मेरे प्यार का रंग

यही है मेरे प्रेम का रंग
सारे रंगों से अलग
अफ़सोस की बात है
तुम इसे पसंद नहीं कर पायी अब तक
क्योंकि अलग है इसका रंग आसमान से 
पत्तों के रंग से भी अलग
धुप और हवा और इन्द्रधनुष के रंग से अलग
और उन तमाम रंगों से भी
जो तुम देखती आयी हो अबतक अपने जीवन में
यही है मेरे प्यार का रंग
तुम्हारी आँखों में बसे अनगिनत रंगों से अलग
तुम्हारे सपनो के रंग से नहीं मिलता जुलता पूरी तरह
अलग तुम्हारी इच्छाओं और कामनाओं से
मुझे मालूम है
तुम मेरे रंगों के सहारे नहीं जी पाओगे ये कठिन जिन्दगी
इस दुनिया में
ये एक बहुत शांत रंग है
जो तुम्हे ज़माने की शोर से अलग दिखेगा
ये शोख और चटख तो कतई नहीं है
इस रंग का सारा सौंदर्य ही
छिपा है इसके भीतर
जो तुम्हे ऊपर से दिखाई नहीं देगा
तुमने कभी सोचा भी नहीं होगा
इस तरह का कोई रंग भी होता है
इतना अकल्पनीय
इतना अवर्णनीय
शायद इसलिए तुम चकित हो
थोडा बदहवास
और भयभीत
और सशकित भी
असंतुष्ट भी मुझ से
अब तो लगता है
जैसे थोडा नफरत भी भी करने लगी हो
तुमसे मेरा संवाद भी टूट चला है
अब
मैं जनता हूँ
तुम्हे ये रंग कभी स्वीकार्य नहीं होगा
ये एक खरत नाक रंग है
तुम्हारे लिए असुविधाजनक भी
तुम अपने जीवन में दुसरे तरह के रंगों को देखने की आदी हो
अगर तुम्हे मेरा रंग पसंद नहीं आया तो मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है
मुझे खुशी है
इस बात की
मैंने अपने प्यार का रंग
तुमसे मिलने के बाद ही बनाया है
इसमें थोडा मिलाया है मैंने तुम्हारा कुछ रंग भी
इसमें जोड़ा है तुम्हारा दुःख दर्द भी
तुम्हारे अनुभव भी
तुमसे मिलने का बाद ही
मैंने एक तरह से उसका अविष्कार किया है
अपने अनुभव का भी विस्तार किया है
खुद का परिष्कार किया है..
ये मेरा रंग तो है ही
तुम्हे भी है इस पर
उतना ही अधिकार
इसलिए सम्बन्ध टूट जाने पर भी
करता हूँ तुमसे
मैं उतना ही प्यार ..
विमल कुमार

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