शुक्रवार, 2 सितंबर 2016

प्रेम एक प्रश्न है

 अवव्वल तो मैं तुम्हे   सलाह नहीं दूंगा
कि तुम करो किसी से प्यार


लेकिन   तुम चाहते हो
करना  किसी से  प्यार
तो उसे सफलता  या असफलता के पैमाने  से नहीं देखना कभी
अपने समय और भूगोल के हिसाब से रचे जाते हैं
 सारे    पैमाने
शक्ति संरचना से होते हैं निरंतर   संचालित

इसलिए मैं कहता हूँ
अगर  तुम चाहते हो  करना किसी  से  प्यार
तो तुम यह हिसाब नहीं रखना हरगिज
 कि तुमने पाया क्या
खोया क्या आखिर अंत में

यह तो एक अंतहीन यात्रा है
समुद्र में
जंगल और कंदराओं में
 वर्षों से भटकते हुए कोई खोज



 सत्य तो यही  है
कि पुकारती हैं
यह देह अक्सर

रात के अँधेरे में
छटपटाती  है आत्मा

तब फिर प्रेम क्या है
एक कुआँ

एक प्रश्न
प्रेम कोई उत्तर नहीं है