रविवार, 27 जुलाई 2014

कितने सुन्दर हैं ये रंग

कितने सुन्दर हैं ये रंग
तुम्हारी तस्वीरों में
जीवन के रंगों के बीच

कितनी मीठी है तुम्हारी आवाज़
कई आवाजों के बीच
कितने कोमल हैं ये हाथ
कई पत्तों के किनारे

कई सपने हैं तुम्हारी आँखों में 
कई लोगों के सपने के भीतर
कई खुशबू भी है तुम्हारे अन्दर
कई जादू जगती हुई मुझे रातों में

लेकिन कई दुख भी है तुम्हारे पास
दुनिया में तमाम तरह के दुखों की तरह

कई आंसू भी हैं
कई नदियों के पानी की तरह
कई कहानी भी है
कई तरह की कहानियों की मानिंद

कई प्रश्न हैं,तुम्हारे मन में ,
नहीं जिनके उत्तर
कई सवालों की तरह

कई बार करता हूँ तुमसे प्यार
कई बार तुमसे झगड़कर

कई साल बीत गए इस तरह
कई पलों में जीकर
कई ज़ख्म भी हमने दुमको दिए
कई ज़ख्मों को सीकर

कई तरह की ज़िन्दगी है तुम्हारे पास
नहीं समझ सके हम
तुम्हारे साथ जीकर

विमल कुमार
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