कल तक यह नदी
खिल खिला कर हंस रही थी
खिल खिला कर हंस रही थी
इस से पहले वो एक चिड़िया थी
उड़ रही थी आसमान में
उड़ रही थी आसमान में
खुश था मैं भी बहुत
कि चेहरे पर उसके उल्लास है .
कि चेहरे पर उसके उल्लास है .
हुआ थोडा बेचैन
जब बताया किसी ने
कि आजकल वो बहुत उदास है
जब बताया किसी ने
कि आजकल वो बहुत उदास है
कितनी बार कहा उस से
आ जाओ थोडा करीब मेरे
आ जाओ थोडा करीब मेरे
बता तो दो मुझे- आखिर क्या बात है
पता नहीं क्यों वो मुझ से नाराज़ थी
कि कभी नहीं आयी मेरे पास है
पता नहीं क्यों वो मुझ से नाराज़ थी
कि कभी नहीं आयी मेरे पास है
अगर करता हूँ उसे वाकई प्यार
तो मिट जाये सारे दुःख उसके
अपनी बची खुची ज़िन्दगी में
अब बस यही
बची एक आस है.
.
विमल कुमार
अब बस यही
बची एक आस है.
.
विमल कुमार
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