बुधवार, 2 सितंबर 2015

स्मार्ट सिटी में हत्या

स्मार्ट  सिटी में ही उसकी हत्या हुई थी
एक दम नए अंदाज़ में
हत्यारे आये थे चार
मोटर सायकिल पर होकर सवार
हाथ में लिए त्रिशूल
और एक तिरंगा लहराता हुआ

बलात्कार भी वहीं हुआ था
एक ईमारत के तहखाने में
जहाँ डिजिटल इंडिया का बोर्ड लगा था
चमचमाता हुआ

योग दिवस के दिन ही लूट लिए गए थे
मुसाफिर बस में
वे चीखते हुए उतरे ही थे
कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था
उन्होंने अपने मन की  व्यथा पोस्ट की थी
जिस से शांति भंग होती थी
शहर में


मेक इन इंडिया के सेमिनार से लौट ते हुए उसने देखा
उसके घर में आग लगा दी गयी है
कि उसका नजरिया धर्म के विरुद्ध है
और राष्ट्रप्रेम का प्रमाणपत्र नहीं था उसके पास कोई

ये वो दौर था
जब लाल किले से बताया जा रहा था
अब सब कुछ ऐतिहासिक होता जा रहा है
चीन को हम जल्द ही छोड़ देंगे पीछे
दुनिया में हमारी तूती बोलेगी
लेकिन इसी बीच आंकडा पार कर गया था
पांच लाख से ऊपर
क्योंकि किसान अवैध रिश्तों के कारण अब आत्म हत्या करने लगे थे


स्मार्ट सिटी से जैसे ही बाहर निकला
तेज बदबू का भबका आया
और फिर आयी मुझे उबकाई
तभी रेडिओ पर सुनायी पडी उनकी आवाज़
मित्रों हमें इस देश को संस्कृत के जरिये बुलंदियों पर ले जाना है
तभी हम फिर सोने की चिड़िया कहलायेंगे एक दिन





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