शनिवार, 11 जुलाई 2015

बारिश में मुलाक़ात

 बारिश 

कल तुम नहीं मिली मुझ से बारिश में
लेकिन मैं भीगता रहा दिन भर
तुम्हारे  यादो की बारिश में
इतना भीगा कि जुकाम भी हो गया
रात में  तेज  बुखार भी
बुखार में मैं तुम्हे ही याद करता रहा
सुबह ख़त्म हो गयी थी
बारिश
सिर्फ बची रह गयी  थी
 यादें..!

२ ,
बारिश में अगर
नहीं मिल सकती हो तुम
 तो क्या
 कल
 मिलोगी
यादों की धूप में

जिन्दगी की पेड़ के नीचे 

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