बारिश
कल तुम नहीं मिली मुझ से
बारिश में
लेकिन मैं भीगता रहा दिन भर
तुम्हारे यादो की बारिश में
इतना भीगा कि जुकाम भी हो
गया
रात में तेज बुखार भी
बुखार में मैं तुम्हे ही
याद करता रहा
सुबह ख़त्म हो गयी थी
बारिश
सिर्फ बची रह गयी थी
यादें..!
२ ,
बारिश में अगर
नहीं मिल सकती हो तुम
तो क्या
कल
मिलोगी
यादों की धूप में
जिन्दगी की पेड़ के नीचे
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