मंगलवार, 25 मार्च 2014

बात

बात

तुम्हारे भीतर जो बात है
वो उसमे नहीं
नहीं तो मै
 उससे प्रेम नहीं कर लेता

लेकिन मै भी तुमसे कहाँ प्रेम कर पा रहा हूँ,आयरा
मै तो उस बात से प्रेम कर रहा हूँ
जो तुम्हारे भीतर है

मै तुम्हारे भीतर
धंसकर
उस बात के भीतर ही तो
धंसना चाहता हूँ
यह जानना चाहता हूँ
कि आखीर बात क्या है
कि एक बात के लिए मै तुमसे प्रेम कर रहा हूँ

सबसे बड़ी बात ये है
कि इस मुद्दे पर
तुमसे कितनी बार बात कर चूका हूँ
लेकिन हर बार बात होने के बाद भी
तुमसे आज तक कोई बात नहीं हो सकी

तुम में जो बात थी वो किसी में नहीं थी
लेकिन  अफ़सोस है
 कि तुमने मुझसे बात तो की
 पर
  आज तक
कभी  प्रेम नहीं कर सकी.

विमल कुमार


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