आज की रात ...........
आज की रात कितनी सर्द रात है
ऐसी रात को कभी आयी नहीं थी
आज की रात कितनी जर्द रात
है
ऐसी उदासी तो कभी छाई नहीं थी
आज की रात वाकई बहुत खतरनाक रात है
ऐसे डरावनी आवाजें कभी
सुनायी नहीं थी
आज की रात अब कितनी काली रात है
ऐसी तीरगी तो अब तक कभी दिखाई नहीं थी
आज की रात ने दिल को दहला
दिया है
मेरे शहर को खून सेकिस तरह नहला दिया है
ज़ख्मों को एक बार फिर नमक
से सहला दिया है
मैं इस रात को कभी बहुत
प्यार करता था
इसके पहलू में जिस्मानी इज़हार किया करता था
लेकिन इस रात से अब मैं नफरत करने लगा हूँ
इसके रूह से कभी मोहब्बत
करता था
पर इसके साये से भीअब मैं डरने लगा हूँ
आज की रात अब उल्फत की रात
नहीं है
आज की रात तेरे गेसुओं की
भी बात नहीं है
आज की रात गोलियों से छलनी
की गयी रात है
आज की राततो सिर्फ हैवानियत की बात है
आज की रात चीख और पुकारों की रात है
आज की रात आंसूओं और
चीत्कारों की रात है
आज की रात अब इशारों की रात
नहीं है
आज की रात चाँद तारों की
रात नहीं है
आज की रात सिर्फ धुआं धुआं
हैं चारों तरफ
आज की रात सिर्फ सुरंग और
कुआं है चारों तरफ
ऐसी रात सड़कों पर मासूम
बिलबिला रहे हैं
ऐसी रात में चारों तरफ लोग चिल्ला रहे हैं
आज की राततो बम के धमाकों की रात है
आज की रात इंसानियत के
चेहरे पर तमाचों की रात है .
आज की रात किस के खौफ से
दरी हुई है
आज की रात सुबह होने से
पहले मरी हुई है
आज की रातकहाँ से इतने दरिन्दे छाये हुए हैं
आज की रात परिंदे भी बहुत
घबराये हुए हैं
आज की रात मुझे इस रात से
खूब लड़ना है
दहशतगर्दों से जिन्दगी भर
जो झगड़ना है
चरागों की तरह रात भर जलकर मुझे
एक दिन इस दुनिया को भी अब
बदलना है
आज की रात मेरी ज़िन्दगी की
रात है
आज की रात ही मुझे मचलना है
आज की रात तुम्हारे साथ
बहुत दूर तक चलना है .
विमल कुमार
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