आयरा
शनिवार, 12 दिसंबर 2015
आयरा : दुनियामे जीना
आयरा : दुनियामे जीना
: मैं फिर से इसी दुनिया में जीना चाहता हूँ जहाँ कि आबो हवा बहुत ख़राब हो चुकी है नदियों का पानी जहरीला हो चुका जिस शहर में समंदर में ड...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें