झूठ के विरुद्ध
जैसे ही तुम सच बोलोगे
लोग तुम तुम्हे घेर लेंगे चारों तरफ से
एक चक्रव्यूह रच देंगे
जैसे ही तुम सच बोलोगे
लोग तुम तुम्हे घेर लेंगे चारों तरफ से
एक चक्रव्यूह रच देंगे
पूछेंगे तरह तरह के सवाल
तुम्हे ही मुजरिम ठहराएंगे
तुम्हे ही मुजरिम ठहराएंगे
बहुत मुश्किल है सच बोलना
झूठ हमेशा रहता है साथ
ताक़तवरों के
इसलिए जैसे ही तुम सच बोलोगे
मार दिए जाओगे
ताक़तवरों के
इसलिए जैसे ही तुम सच बोलोगे
मार दिए जाओगे
फेंक दिए जाओगे तुम
किसी झाडी में
किसी झाडी में
किसी दिन सुबह सुबह मिलेगी
नाले में तुम्हारी लाश
नाले में तुम्हारी लाश
तुम्हारे घर को
लगा दी जायेगी आग
रात में अचानक
तुम्हारी किताबभी नहीं छपेगी
लगा दी जायेगी आग
रात में अचानक
तुम्हारी किताबभी नहीं छपेगी
तुम्हारा वजीफा भी किसी और को दे दिया जायेगा
तुम्हे वंचित किया जायेगा दफ्तर में
तुम्हारे ही अधिकारों से
तुम्हे वंचित किया जायेगा दफ्तर में
तुम्हारे ही अधिकारों से
नौकरी से भी बर्खास्त कर दिए जाओगे एक दिन
किसी झूठे मुकदमे में फंसा दिए जाओगे
किसी झूठे मुकदमे में फंसा दिए जाओगे
इसलिए कोई नहीं चाहता
बोलना अपने समय में सच
बोलना अपने समय में सच
लेकिन हर युग में बोलते हैं कुछ लोग सच
वे परवाह नहीं करते
डरते नहीं वे
वे परवाह नहीं करते
डरते नहीं वे
नहीं होते वे गीदड़
अब तुम्हे करना है तय
कि तुमसच बोलकर आदमी बनना चाहते हो
या
झूठ बोलकर गीदड़ .
अब तुम्हे करना है तय
कि तुमसच बोलकर आदमी बनना चाहते हो
या
झूठ बोलकर गीदड़ .
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