अगर मेरे पास शरीर नहीं होता
नहीं होतीं मेरी कोई आदिम इच्छाएं
तो क्या तब भी
तुम मुझसे प्यार करते
नहीं होतीं मेरी कोई आदिम इच्छाएं
तो क्या तब भी
तुम मुझसे प्यार करते
अगर मेरी आँखें नहीं होती
तो क्या तुम ये कहते
तेरी आँखों के सिवाय
दुनिया में रखा क्या है
तो क्या तुम ये कहते
तेरी आँखों के सिवाय
दुनिया में रखा क्या है
अगर मैं हवा होती
तो बाहों में भरते मुझे कैसे
तो बाहों में भरते मुझे कैसे
अगर मैं नदी होती
तो फिरमेरे होटों को कैसे चूमते
तो फिरमेरे होटों को कैसे चूमते
अच्छा ये बताओ
तुमने मुझे नदी या तितली या फूल क्यों कहा
क्यों तुमने मेरे बालों की तुलना घटाओं से की
क्यों तुमने कहा
कि मेरे बदन से एक खुशबू आती है
आखिर तुमने मुझे चाँद का टुकडा क्यों कहा
तुमने मुझे नदी या तितली या फूल क्यों कहा
क्यों तुमने मेरे बालों की तुलना घटाओं से की
क्यों तुमने कहा
कि मेरे बदन से एक खुशबू आती है
आखिर तुमने मुझे चाँद का टुकडा क्यों कहा
सच बताओ
अगर नहीं होता मेरे पास कोई शरीर
तो फिर तुम मेरी आत्मासे कैसे प्यार करते
क्योंकि हरआत्मा शरीर मेंरहती है
उससेनिकल कर
तोवोह सिर्फ भटकती है
अगर नहीं होता मेरे पास कोई शरीर
तो फिर तुम मेरी आत्मासे कैसे प्यार करते
क्योंकि हरआत्मा शरीर मेंरहती है
उससेनिकल कर
तोवोह सिर्फ भटकती है
तुम्हारी
भाषा की चालाकियां
खोल देती है
तुम्हारे प्रेम का रहस्य
भाषा की चालाकियां
खोल देती है
तुम्हारे प्रेम का रहस्य
तुम्हारे इरादे छिपे हैं
तुम्हारे प्रतीकों में
तुम्हारे प्रतीकों में
मुझे हम बिस्तर करने से पहले सोच लो
तुम चाहते क्या हो
इसज़िन्दगी से
इसज़िन्दगी से
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