हिंदी के एक कवि की कविता में जो भागी हुई लड़कियां थी वे कभी लौटकर नही आएंगी तालाब में जो डूब गई थी वो सातों लड़कियां वे फिर कभी जिंदा नही लौटेंगी क्या केवल यह रात लौटेगी जो दिन प्रतिदिन स्याह होती जा रही है फिर कौन लौटेगा युद्धस्थल से सिपाही या राजा या दर्शक किसी को नही मालूम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें