गुरुवार, 11 जुलाई 2019

कागज पर बारिश

कागज़ पर बारिश लिखने से
बारिश नही आती है

तितलियाँ कहाँ आती हैं
बगीचे में उनके नाम लिखने से
तुम्हारा नाम कितनी बार लिखा डायरी में
पर तुम भी कहाँ आयी ?

पेड़ों को पुकारने से भी पेड़ नही आये मेरे पास
नदियों के चित्र बनाने से भी नदियाँ नही आयीं मेरे करीब

अगर कागज़ पर बादल लिखूं
तो शायद बारिश आ जाये

अगर फूल लिखूं
तो तितलियाँ आ जाएँ

पहाड लिखूं तो शायद नदी आ जाये
बीज लिखूं तो पेड़ आ जाये

आग लिखूं तो धुआं आ जाये
प्यास लिखूं तो शायद कुआँ आ जाये .

पर क्या लिखूं जिन्दगी की सफ़ेद कागज़ पर
कि तुम आ जाओ

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