मुझे सिर्फ इतना बता दो
कहाँ छिपा हुआ है तुम्हारा प्यार
किन पत्तों में किन फूलों में
किन रंगों में
किस घर के किस कोने में.
तकिये में छुपा है या किसी लिहाफ में
नदी की किस धारा में छिपा है तुम्हारा प्यार
धरती की किस कोख में
आसमान में किस आँचल में
बस तुम बता दो इतना
ढूंढ लूँगा मैं उसे
तुम ये भी बता दो
किन शब्दों में छिपा है तुम्हारा प्यार
किस भाषा के किस व्याकरण में
किन संकेतोऔर मुद्राओं में
पूर्णविराम या अर्धविराम में
ये किसी चंद्रबिन्दू के भीतर
तुम्हारा प्यार
कही तुम्हारे क्रोध में छिपा है
या तुम्हारे किसी मुस्कान में
सिर्फ इतना बता दो कहाँ छिपा है तुम्हारा प्यार.
अगर छिपा है तुम्हारा प्यार
तो उसे छिपे ही रहने दो
जैसे चाँद छिपा होता हैबादलों के भीतर
इससे और बढ़ जाती है उस की खूबसूरती
बस मुझे इतना बता दो कहाँ छिपा है तुम्हारा प्यार
ताकि मैउस जगह को भी कर सकूं प्यार
जहाँ छिपा है तुम्हारा प्यार.
जो है एक मेरा संसार.
विमल कुमार
कहाँ छिपा हुआ है तुम्हारा प्यार
किन पत्तों में किन फूलों में
किन रंगों में
किस घर के किस कोने में.
तकिये में छुपा है या किसी लिहाफ में
नदी की किस धारा में छिपा है तुम्हारा प्यार
धरती की किस कोख में
आसमान में किस आँचल में
बस तुम बता दो इतना
ढूंढ लूँगा मैं उसे
तुम ये भी बता दो
किन शब्दों में छिपा है तुम्हारा प्यार
किस भाषा के किस व्याकरण में
किन संकेतोऔर मुद्राओं में
पूर्णविराम या अर्धविराम में
ये किसी चंद्रबिन्दू के भीतर
तुम्हारा प्यार
कही तुम्हारे क्रोध में छिपा है
या तुम्हारे किसी मुस्कान में
सिर्फ इतना बता दो कहाँ छिपा है तुम्हारा प्यार.
अगर छिपा है तुम्हारा प्यार
तो उसे छिपे ही रहने दो
जैसे चाँद छिपा होता हैबादलों के भीतर
इससे और बढ़ जाती है उस की खूबसूरती
बस मुझे इतना बता दो कहाँ छिपा है तुम्हारा प्यार
ताकि मैउस जगह को भी कर सकूं प्यार
जहाँ छिपा है तुम्हारा प्यार.
जो है एक मेरा संसार.
विमल कुमार
ati sundAr
जवाब देंहटाएंमोको कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में
जवाब देंहटाएंकहो कवि तुम्हे किसकी है तलाश
उसकी जो सिर्फ कल्पना में है
बसती तुम्हारे
या जो जीती है जीवन पल पल
कड़ी धुप में तप कर जिसका तन है कुंदन
और मन में नहीं उठता कोई सपंदन