जब एक आदमी भूख से मर रहा था
तो वहां खूब तालियाँ बज रही थी.
तो वहां खूब तालियाँ बज रही थी.
जब एक स्त्री का हो रहा था बलात्कार
तब ही वहां खूब तालियाँ बज रही थी.
तब ही वहां खूब तालियाँ बज रही थी.
एक आदमी की हत्या करने के बाद भी
लोगों ने तालियाँ बजायी थी जोरों से
लोगों ने तालियाँ बजायी थी जोरों से
जिस समय में हम जी रहे थे
तालियों की गडगडाहट को ही
मान लिया गया
अपने युग का
इतिहास था
तालियों की गडगडाहट को ही
मान लिया गया
अपने युग का
इतिहास था
यह कैसा
वीभत्स नाटक था
जिसके अंत में
बचा
सिर्फ अट्टाहास था
वीभत्स नाटक था
जिसके अंत में
बचा
सिर्फ अट्टाहास था
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